वीडियो जानकारी:
२७ अप्रैल, २०१९
अद्वैत बोध शिविर,
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
प्रसंग:
हेतुफलाश्रयालम्बनैः संगृहीतत्वादेषामभावे तदभावः ॥ ४.११॥
भावार्थ: हेतु, फल, आश्रय और आलम्बन में वासनाओं का संग्रह होता है।
~पतंजलि योग सूत्र, कैवल्य पाद
क्या वासना ही मूल अज्ञान है?
वासना से पार कैसे पाएँ?
वासना का विषयों से क्या संबंध है?
संगीत: मिलिंद दाते